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Friday, 10 May 2024

आयुर्वेद से संभव होगा बांझपन का प्रमाणित इलाज, 6 मामलों पर स्टडी जारी

मंडी : धर्मवीर ( TSN)- निः संतान दंपतियों के लिए आयुर्वेद के माध्यम से माता-पिता बनने की किरण जगी है। आयुर्वेद से अब बांझपन का प्रमाणित ईलाज संभव हो सकेगा, इसके लिए क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह ने मेडिकल कॉलेज नेरचौक के साथ मिलकर शोधकार्य शुरू कर दिया है। संस्थान ने 6 मामलों पर स्टडी भी शुरू कर दी है।



अभी भी होता है आयुर्वेद से बांझपन का ईलाज, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणिकता नहीं


बता दें कि आयुर्वेद से भी बांझपन का ईलाज होता है लेकिन इसको लेकर वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसलिए अब इसके वैज्ञानिक प्रमाण को सिद्ध करने के लिए यह शोध किया जा रहा है। क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह के सहायक निदेशक डा. राजेश सण्ड ने बताया कि अप्रैल 2023 से यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ है और अभी सिर्फ 6 मामलों पर स्टडी चल रही है। यह स्टडी मेडिकल कॉलेज नेरचौक के साथ मिलकर की जा रही है। हालांकि इस सारी स्टडी में काफी लंबा समय लगेगा क्योंकि अभी यह एक तरह से शुरूआती दौर है लेकिन जो 6 मामले अभी इनके पास हैं उन्हें इसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं जिस कारण वे आयुर्वेद के माध्यम से ट्रिटमेंट को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आयुर्वेद से बांझपन का ईलाज संभव है लेकिन अब यह वैज्ञानिक रूप से यह बताना है कि यह ईलाज होता है और किस तरह से होता है। ऐलोपैथी की अपनी पद्दति है और आयुर्वेद की अपनी पद्दति होती है।


 


डा. राजेश ने बताया कि उनके संस्थान में प्री-क्लिनिक हाइपोथायरायडिज्म की दवाओं पर भी रिसर्च चल रही है। शुरूआती दौर में थॉयराइड के उपचार को लेकर दवाओं पर शोध चल रहा है और जल्द ही इस शोधपत्र को भी प्रकाशित कर दिया जाएगा।

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