The Summer News
×
Friday, 10 May 2024

जानें वर्ल्ड टाइगर्स डे का इतिहास, पूरी दुनिया में कितने प्रकार के टाइगर्स पाए जाते हैं

दिल्ली,29 जुलाई (शाहिद खान) आज इंटरनेशनल टाइगर्स डे है। एक वक्त था जब दुनिया में लगभग एक लाख टाइगर जंगलों में राज करते थे। लेकिन आज लगभग 13 देशों में बाघों की कुल संख्या 4 हज़ार से भी कम रह गई है। बाघों को बचाने के लिए तथा लोगों को बाघ संरक्षण के प्रति जागृत करने के लिए हर साल 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे मनाया जाता है। तो आज हम बात करेंगे इंटरनेशनल टाइगर डे की। वर्ल्ड वाइड लाइफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ ही सालों में बाघों की संख्या 95% तक घट गई है। अब इनकी आबादी केवल 13 देशों तक सीमित है जिसमें भारत बांग्लादेश भूटान कंबोडिया तथा चीन आदि शामिल है।


जानें वर्ल्ड टाइगर डे का इतिहास


वर्ल्ड टाइगर डे की शुरुआत 2010 में की गई थी। रूस के पीटर्सबर्ग में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस में प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर्स डे मनाने का फैसला किया गया था। एक रिपोर्ट में पता चला था कि लगभग 95% टाइगर्स गायब हो चुके हैं। तथा अब इसे मनाने के पीछे का मकसद लुप्त हो रहे टाइगर्स को बचाना है।


क्यों कम हो रही है टाइगर्स की संख्या


लगातार हो रही वनों की कटाई, अवैध शिकार, गलती से बाघों का रिहायशी इलाकों में चले जाना तथा ग्लोबल वार्मिंग इसके मुख्य कारण है। यही वजह है कि लगातार टाइगर्स की संख्या घट रही है।


जानिए कितने प्रकार के होते हैं टाइगर्स


टाइगर्स की कई किस्में पाई जाती हैं। जैसे सफेद टाइगर, काली धारियों वाला टाइगर तथा गोल्डन टाइगर। इसके अलावा टाइगर्स की और भी काफी प्रजातियां हैं जो अब लगभग लुप्त हो चुकी हैं।


आखिर कितने सुरक्षित हैं भारत में टाइगर्स


भारत सरकार ने कुछ समय पहले जानकारी दी थी की भारत में पिछले 3 सालों में तकरीबन 329 टाइगर्स की मौत शिकार, लोगों द्वारा मार दिए जाने तथा अन्य कारणों से हुई हैं।


केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने 26 जुलाई को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी कि 2019 में 96 टाइगर्स की मौत हो गई। 2020 में 106 तथा 2021 में 127 टाइगर मारे गए। साथ ही टाइगर्स के हमले में 125 लोग भी मारे गए जिनमें 61 महाराष्ट्र और 25 उत्तर प्रदेश से थे।


Story You May Like