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Friday, 10 May 2024

“मी टाइम” स्वास्थ्य के लिए है बहुत जरूरी

चंडीगढ़ : आज की ये जीवनशैली तनाव भरी हो गयी है, माँ अपनी ममता बच्चे पर लुटाना चाहती है किंतु छुट्टियाँ सीमित हैं। बच्चा अभी चलना भी नहीं सीखा कि उसे तरह-तरह से पढ़ाया-सिखाया जाने लगता है।  पाँचवीं-छठी तक आते-आते पढ़ाई के अतिरिक्त ट्यूशन रख दी जाती है। स्कूल से आए, प्राइवेट कोचिंग में पहुँचे। घर तो बस रेस्तराँ है, जहाँ सुबह का नाश्ता, शाम की चाय और रात का भोजन मिल जाता है।


दसवीं और बारहवीं के बच्चों की दशा तो बस पूछो ही मत। बोर्ड परीक्षाओं के चक्कर में उनका जीना दूभर हो जाता है। खासकर किसी प्रतियोगिता में बैठने वाले विद्यार्थी का। अंक आ गए तो नौकरी मिलने के लिए संघर्ष। नौकरी भी मिल गई तो सुबह सात बजे घर से निकले, रात के नौ बजे घर पहुँचे। जाकर थककर सो गए। परन्तु अगर हम चाहें तो अपनी जीवनशैली मे कुछ बदलाव करें तो तनाव काम हो सकता है, जो चीज़ें आपके कंट्रोल में नहीं हैं, उसकी व्यर्थ मेंचिंता ना करें , जैसे की पढ़ाई करना आपके हाथ में है, पर परीक्षा के नंबरों के बारे में सोच कर हम स्वयं ही अपना तनाव बढ़ाते हैं।


आज हम सोशल मीडिया में अपने दोस्तों रिश्तेदारों की खुशहाल जिंदगी देखकर अपने साथ तुलना करनी शुरू कर देते हैं। इसलिये थोड़े दिन सोशल मीडिया ब्रेक लेना जरूरी है, जिससे हमें अपनी जिंदगी में खुशियाँ दिखनी शुरू हो जाएंगीं।


नौकरी व परिवार के समय में एक संतुलन बनाने की आवश्यकता है, हमें चाहिए कि घर आकर हम अपने परिवार के साथ समय बितायें, और उनकी बात़ सुनें।


हमें तनाव कम करने के लिये रोजाना एक घंटा


” मी टाइम ” शुरू कर देना चाहिए, जिसमें हमें अपना पसंदीदा हॉबी करनी चाहिए, जैसे अगर आपको पेंटिंग का शौक है, गाने सुनने का शौक है, नृत्य करने का शौक है, आदि अन्य प्रकार की हॉबी करनी चाहिए।


अगर मौका मिले तो काम से एक दो दिन का ब्रेक लेकर परिवार के साथ घूमने का प्लान भी बना सकते हैं।


तनाव तो जीवन में हमेशा रहेगा परन्तु उसको कितना हमारे मानसिक स्वस्थ पर असर होने देना है, ये हम पर निर्भर करता है। इसलिए अपने जीवन में तनाव कम करके खुशियों को निमंत्रण दें।


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