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Saturday, 11 May 2024

अब श्वास से भी हो सकेगी शुगर की जांच, मरीजों को ब्लड सैंपल देने की नहीं होगी जरूरत

मंडी : धर्मवीर (TSN) - अब श्वास से भी शुगर यानी मधुमेह की जांच हो सकेगी. जी हां यह सब आईआईटी मंडी के शोधार्थियों के बनाए नए डिवाइस नॉन इनवेंसिव ग्लूकोमीटर से संभव होगा। यानी कि
मधुमेह के मरीजों को ब्लड सैंपल देने की जरूरत नहीं होगी।


गौरतलब है कि आईआईटी मंडी के शोधार्थियों के बनाए नए डिवाइस की सफलता को जांचने के लिए एम्स बिलासपुर से 550 रोगियों की श्वास के सैंपल और डाटा एकत्रित किया गया है। इसमें परिणाम बेहतर आए हैं। नई डिवाइस 98 प्रतिशत जांच के लिए कारगर साबित हुई है। इस डिवाइस को बनाने के लिए AI तकनीक का प्रयोग किया गया है। इसमें आठ सेंसर लगाए गए हैं। इन सेंसर की मदद से डिवाइस रोगी की श्वास में पाए जाने वाले बोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड को डिटेक्ट करके शूगर की बीमारी होने का पता लगाएगा। इससे यह भी पता चल पाएगा कि शूगर होने के कितनी आशंका हैं। यही नहीं यह डिवाइस हार्ट बीट, ब्लड प्रेशर, खून में ऑक्सीजन की मात्रा का भी पता लगाने में सक्षम होगा। वहीं, अगर इस डिवाइस पर आने वाले खर्च की बात की जाए तो यह करीब दस हजार रुपये शुरूआती तौर पर मिलेगा।


इस प्रोजेक्ट के प्रमुख डॉ वरूण दत्त ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह डिवाइस कारगर साबित होगा। इसके अलावा इस टीम में डॉ रितु प्रोजेक्ट वैज्ञानिक, रितिक शर्मा, यशवंत राणा, शिवानी शर्मा सभी एमटेक के छात्र छात्राएं हैं जोकि इस प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट एसोसिएट भी हैं।


डिवाइस के परिणाम सौ प्रतिशत होंगे बेहतर


शोधार्थियों की मानें तो इस डिवाइस के परिणाम सौ प्रतिशत बेहतर होंगे। इसके लिए वह और भी डाटा एकत्रित कर रहे हैं। इस डिवाइस को कहीं पर भी आसानी से ले जाया जा सके। इसलिए इसे छोटा बनाया जाएगा। इस पर काम चल रहा है।


तेजी से बढ़ रही शूगर की बीमारी:


बता दें कि देश और दुनिया में शूगर की बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है। हर वर्ग के लोगों में यह रोग अधिक देखा जा रहा है। ऐसे में डायबिटीज की समस्या का समय रहते पता चले तो काफी हद तक इससे बचा जा सकता है। ऐसे में रोग की जांच बेहतर प्रकार से करने में यह डिवाइस बेहतर साबित होगी।

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