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Friday, 10 May 2024

लोगों से स्वस्थ जीवन शैली अपनाने, प्रतिदिन एक घंटा व्यायाम के लिए निकालने का किया आग्रह

चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सोच के अनुरूप पंजाब को एक स्वस्थ राज्य बनाने के उद्देश्य से पंजाब के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने मंगलवार को नर्सिंग के छात्रों को एक गाँव गोद लेने और गाँव में रहने वाले हरेक व्यक्ति का वजऩ, रक्तचाप (बीपी) एवं मधुमेह जाँचने का आह्वान किया, जिससे स्वस्थ और तंदरुस्त पंजाब बनाने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।


उन्होंने कहा ‘‘इसके अलावा, लोगों को केवल पौष्टिक भोजन खाने के लिए शिक्षित करें और उन्हें दिन में एक घंटा व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें, चाहे वह टहलना हो या योग, और उन्हें सदा खुश रहने के लिए कहें’’।  इसे सुनिश्चित बनाने के लिए उनकी तरफ से पूरा समर्थन और सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने आगे कहा, ‘‘अगर हम लोगों को इन तीन-चार चीज़ों के बारे में शिक्षित करने में सक्षम हो सके, तो वे कभी भी किसी भी तरह की बीमारी या मोटापे का शिकार नहीं होंगे।’’


डॉ. बलबीर सिंह यहां म्यूनिसिपल भवन में पंजाब नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल (पीएनआरसी) की ओर से ‘‘प्रशासनिक कौशल एवं नर्सिंग शिक्षा में नवीनतम रुझान’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में भारतीय नर्सिंग परिषद् (आईएनसी) के अध्यक्ष डॉ. टी. दिलीप कुमार, सचिव डॉ. सरवजीत कौर और संयुक्त सचिव के.एस. भारती भी शामिल हुए।


डॉ. बलबीर सिंह ने नर्सिंग को पेशे की बजाए एक एक जुनून बताते हुए स्वास्थ्य नीतियों को लागू करने में नर्सों की भूमिका पर भी ज़ोर दिया और सभी प्रिंसिपलों को प्रशिक्षण के मानकों के अनुसार छात्रों को शिक्षित करने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने नर्सिंग संस्थानों के प्राचार्यों और शिक्षकों को नर्सिंग छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए भी प्रेरित किया, ताकि वे इस काम को लगन एवं निष्ठा से करने के लिए उत्साहित और प्रेरित हो सकें।

आईएनसी अध्यक्ष डॉ. टी. दिलीप कुमार ने नर्सिंग शिक्षा और सिमुलेशन आधारित शिक्षण जैसे नर्सिंग शिक्षा में नए नवाचार पर ज़ोर दिया। पीएनआरसी के रजिस्ट्रार डॉ. पुनीत गिरधर ने पीएनआरसी की गतिविधियों और पंजाब में नर्सिंग शिक्षा के मानकों में सुधार के लिए उनकी पहल का संक्षिप्त विवरण दिया।
वक्ताओं ने नर्सिंग देखभाल अस्पतालों में सुधार के लिए नर्सिंग शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। इस दौरान विभिन्न स्कूलों और नर्सिंग कॉलेजों के दो सौ से अधिक नर्सिंग प्राचार्यों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।

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