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Friday, 10 May 2024

भगवान रघुनाथ के मंदिर में शुरू हुआ होली उत्सव, बैरागी समुदाय के लोग गा रहे होली के गीत

कुल्लू : मनमिंदर अरोड़ा ( TSN)- भारत के उत्तर प्रदेश के वृंदावन, बरसाना, आयोध्या में जहां होली उत्सव शुरू हो गया है। तो वहीं 25 मार्च को भी देशभर में होली उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में भी होली उत्सव शुरू हो गया है। कुल्लू जिला में बसंत उत्सव के आगमन से ही होली का त्योहार शुरू हो जाता है और होलिका दहन तक बैरागी समुदाय के लोगों के द्वारा होली के गीत भी गए जाते हैं। ऐसे में कुल्लू में बैरागी समुदाय के द्वारा साढे 300 साल से अधिक समय से इस परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है और अयोध्या की तर्ज पर यहां पर होली उत्सव की परंपरा को निभाया जा रहा है।


 


कुल्लू में बसंत उत्सव से शुरू हो जाता है होली उत्सव



होलाष्टक शुरू होने पर बैरागी समुदाय के लोगों के द्वारा जहां अपने गुरु पेयहारी बाबा के मंदिर झिड़ी में होली के गीत गाए गए। तो उसके बाद रात के समय रघुनाथपुर में भगवान रघुनाथ के मंदिर में भी अब होली का त्योहार मनाना शुरू कर दिया गया है। ऐसे में अब होलिका दहन तक बैरागी समुदाय के लोगों के द्वारा यहां पर होली के गीत गाए जाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार होलिका दहन के दूसरे दिन भगवान रघुनाथ के मंदिर में फूल ढोल का कार्यक्रम किया जाता है। जिसमें भगवान रघुनाथ को झूला झुलाया जाता है। बैरागी समुदाय पिछले साढ़े 300 साल से अधिक पुरानी परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं और बसंत उत्सव से लेकर 40 दिन तक इस उत्सव को मनाया जाता है।होलाष्टक के आठ दिनों में बैरागी समुदाय के लोगों के द्वारा गुरु पेयहारी बाबा झिड़ी, नग्गर ठावा, जगती पट्ट और रघुनाथ मंदिर में होली के गीत ब्रज भाषा मे गाए जाते है। जिला कुल्लू में 16वीं सदी के मध्य में भगवान रघुनाथ का कुल्लू में आगमन हुआ था तथा उस समय से बैरागी समुदाय के लोग इस परंपरा को निभा रहे हैं। ऐसे में शाम के समय भगवान रघुनाथ का मंदिर होली के गीतों से सरोबार हो रहा है और यहां पर होली के रंग भी खूब उड़ाए जा रहे हैं।


 



बैरागी समुदाय से जुड़े हुए अश्वनी महंत ने बताया कि हर साल इस परंपरा का निर्वाह किया जाता है। क्योंकि बैरागी समुदाय के लोग भी अयोध्या से ही कुल्लू आए हैं। जिस तरह से अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर में ब्रजभाषा में होली के गीत गाए जाते हैं। उस परंपरा का आज रघुनाथ मंदिर में भी निर्वाह किया जा रहा है। होलिका दहन तक यहां पर बैरागी समुदाय के द्वारा होली के गीत गाए जाएंगे और 25 मार्च को धूमधाम के साथ होली का त्यौहार मनाया जाएगा।

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