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Sunday, 30 June 2024

सांसद अरोड़ा ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की मुलाकात

लुधियाना, 27 जून : लुधियाना से सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और वित्त मंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें बधाई दी और उनसे आगामी बजट में करदाताओं और उद्योग से जुड़े कुछ अहम मुद्दों पर विचार करने का आग्रह किया।गुरुवार को एक बयान में अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 (आईबीसी) के तहत एसेट्स के अधिग्रहण से संबंधित महत्वपूर्ण मामले को में वित्त मंत्री के संज्ञान में लाया है।अरोड़ा ने वित्त मंत्री को बताया कि आईबीसी के तहत पारदर्शी बोली प्रक्रिया के अनुसार, कॉर्पोरेट देनदार का स्वामित्व और प्रबंधन समाधान आवेदक को हस्तांतरित किया जाता है। तदनुसार, आईबीसी के तहत समाधान योजना/लिक्विडीशन कार्यवाही के भाग के रूप में, कॉर्पोरेट देनदार नए शेयर जारी करता है और/या मौजूदा शेयरों को बोली राशि पर उच्चतम बोलीदाता, समाधान आवेदक को हस्तांतरित किया जाता है।



कभी-कभी, बोली राशि आईटी नियमों में दिए गए आर्टिफिशियल फार्मूला के अनुसार निर्धारित उचित बाजार मूल्य के अनुरूप नहीं हो सकती है और उससे कम हो सकती है। चूंकि एसेट्स को पारदर्शी/खुली बोली प्रक्रिया के भाग के रूप में अधिग्रहित किया जाता है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि शेयर/एसेट उसके उचित बाजार मूल्य से कम पर अधिग्रहित की गई हैइसलिए, अरोड़ा ने वित्त मंत्री को सिफारिश की कि इनकम टैक्स एक्ट में, विशेष रूप से धारा 50सी, 50सीए, 56(2)(एक्स) आदि में डीम्ड इनकम के संबंध में उचित संशोधन किया जा सकता है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि उक्त प्रावधान आईबीसी के प्रावधानों के तहत अधिग्रहण के हिस्से के रूप में अक्वायर्ड एसेट्स पर लागू नहीं होंगे।इसके अलावा, अरोड़ा ने लैंड एक्विजिशन, रिहैबिलिटेशन एंड रीसेटलमेंट एक्ट, 2013 (आरएफसीटीएलएआर) में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार के तहत मुआवजे की छूट और ट्रांस्फ़ेरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) के मनीटाईज़ेशन के माध्यम से प्राप्त मुआवजे के संबंध में आयकर अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता की ओर वित्त मंत्री का ध्यान आकर्षित किया।अरोड़ा ने वित्त मंत्री को अवगत कराया कि आरएफसीटीएलएआर एक्ट की धारा 96 में यह प्रावधान है कि किसी कंपनी द्वारा भूमि अधिग्रहण के बाद दिए गए किसी भी अवार्ड पर कोई आयकर नहीं लगाया जाएगा। इस प्रावधान को सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने 25 अक्टूबर 2016 के सर्कुलर न:36/2016 में और स्पष्ट किया है। हालांकि, इस स्पष्टीकरण को दर्शाने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में कोई कोरेस्पोंडेंट अमेंडमेंट नहीं की गई है।



उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कुछ राज्य सरकारों ने अनिवार्य भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मुआवजे के वैकल्पिक तरीके के रूप में टीडीआर प्रमाणपत्र की शुरुआत की है। इन प्रमाणपत्रों का मनीटाईज़ेशन लैंडओनर द्वारा किया जा सकता है, जिससे उन्हें सरकार से डायरेक्टफाइनेंसियल आउटले के बिना मुआवज़ा मिल सकता हैउन्होंने आगे कहा कि चूंकि टीडीआर का मनीटाईज़ेशन अनिवार्य रूप से भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवज़े का एक वैकल्पिक रूप है, इसलिए यह उचित है कि इसे आरएफसीटीएलएआर की धारा 96 के तहत अवार्ड्स के समान टैक्स ट्रीटमेंट प्राप्त हो। इसलिए, उन्होंने इनकम टैक्स एक्ट में कुछ संशोधन प्रस्तावित किए। उन्होंने धारा 10 में एक विशिष्ट प्रावधान डालने का प्रस्ताव रखा, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि आरएफसीटीएलएआर की धारा 96 के तहत मुआवज़ा कर योग्य नहीं है और समानता के आधार पर, उक्त छूट टीडीआर बेचने वाले भूस्वामी को भी दी जानी चाहिए। अरोड़ा ने आशा व्यक्त की कि इन संशोधनों से भूमि मालिकों को प्राप्त मुआवजे के कराधान में स्पष्टता और निष्पक्षता आएगी तथा इनकम टैक्स एक्ट को आरएफसीटीएलएर एक्ट के उद्देश्यों के अनुरूप बनाया जा सकेगा।


 


अरोड़ा ने देश भर में आयकर आयुक्तों (अपील) के समक्ष पेंडिंग अपीलों की बड़ी संख्या को निपटाने के लिए कार्रवाई की भी मांग की। उन्होंने व्यक्तियों के लिए आयकर दरों के रेशनलाईज़ेशन का मुद्दा भी उठाया।सांसद अरोड़ा ने वित्त मंत्री को यह भी बताया कि 5 करोड़ से अधिक आय वाले व्यक्तियों पर 42.74% की अधिकतम मार्जिनल टैक्स दर लागू है, जबकि 10 लाख से अधिक आय वाले मध्यम वर्ग पर  31.20% की दर लागू है; जो एक्ट की धारा 115बीएबी के तहत 25.17% की कॉरपोरेट कर दर के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने इन कर दरों को रेशनलाईज़ बनाने, व्यक्तियों के लिए अधिकतम मार्जिनल टैक्स दर को कॉर्पोरेट के साथ समान करने और उपभोग मांग और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मध्यम वर्ग के नागरिकों पर कर के बोझ को कम करने की वकालत करने पर जोर दिया।उन्होंने सभी सुझावों का संज्ञान लेने के लिए वित्त मंत्री को धन्यवाद दिया। वित्त मंत्री ने सांसद अरोड़ा को आश्वासन दिया कि वह आगामी केंद्रीय बजट के लिए उनके द्वारा दिए गए सुझावों पर गौर करेंगी।

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