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Saturday, 11 May 2024

6 बागी विधायकों को BJP में लेने पर नही हुआ कोई फैसला, कांग्रेस की अन्तर्कलह पर महेंद्र धर्मानी ने कहा ये

शिमला : कमल भारद्वाज (TSN) - हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद सियासी पारा चरम पर है।छः विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद पक्ष और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप की राजनीति और तेज हो गयी है।राज्यसभा चुनाव के बाद सुक्खू सरकार पर संकट के बादल भले ही छंटते नजर आ रहे हैं ।लेकिन पक्ष और विपक्ष गठजोड़ की राजनीति में लगे हुए हैं।वहीं विपक्ष ने सरकार पर हमला*वर होते हुए हिमाचल में राजनीतिक अस्थिरता के लिए सुक्खू सरकार को व कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराया है।


प्रदेश की सूक्खू सरकार अपने राजनीतिक अंतर्द्वंद के कारण संकट में


भाजपा प्रवक्ता मोहिंदर धर्माणी ने कहा कि जिन विधायकों की सदस्यता रद्द की गई है, उन्हें भाजपा मे लेने पर अभी इस प्रकार का कोई निर्णय नही लिया गया है ।भाजपा अपनी जगह है और छः विधायक अपनी जगह है ।उन्होंने कहा कि 6 विधायकों और एक मंत्री के आरोपों ने सुक्खू सरकार पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिए हैं।मोहिंदर धर्माणी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता के लिए पूरी तरह से सुक्खू सरकार व कांग्रेस पार्टी को दोषी है। महेंद्र धर्मानी ने कहा कि कांग्रेस की अन्तर्कलह, विधायकों की नाराजगी, मन्त्री द्वारा पीड़ा व दर्द बताना, मंडी के बल्ह के पूर्व विधायक,कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान अध्यक्ष द्वारा सरकार का विरोध, दर्शाता कांग्रेस की वर्तमान स्थिति से यहीं आभास होता है कि कांग्रेस में आपसी लड़ाई चरम पर है, उसके कारण यह राजनीतिक स्थिति आज प्रदेश में बनी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश की सूक्खू सरकार अपने राजनीतिक अंतर्द्वंद के कारण संकट में है । जिसकी जिम्मेवारी पूरी तरह से सरकार व कांग्रेस पार्टी है । सरकार के मंत्री व विधायकों द्वारा अपनी उपेक्षा और अनदेखी के आरोपों से सरकार व कांग्रेस संगठन की असलियत जनता के सामने आ गई है । राज्यसभा में भाजपा की जीत के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गयी है।

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