The Summer News
×
Sunday, 19 May 2024

हर बच्चे को स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वस्थ जीवन देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी : स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह

नवांशहर, 28 मई, 2023 : पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने राज्य को पोलियो वायरस से सुरक्षित रखने के लिए रविवार को शहीद भगत सिंह नगर जिले से राज्य के 12 उच्च जोखिम वाले जिलों में उप-राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की। जिन 12 जिलों में यह राउंड कराया जा रहा है, उनमें अमृतसर, बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फतेहगढ़ साहिब, मनसा, श्री मुक्तसर साहिब, मोगा, पठानकोट, पटियाला, एसबीएस नगर और तरन तारन आदि शामिल हैं।


पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज जिला अस्पताल, नवांशहर में एक राज्य स्तरीय समारोह के दौरान बच्चों को 'ओरल पोलियो वैक्सीन' (ओपीवी) की बूंदें पिलाने के बाद आकाश में रंग-बिरंगे गुब्बारे छोड़ कर तीन दिवसीय उप-राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विधायक संतोष कटारिया, विधायक डॉ. नछतर पाल, अध्यक्ष जिला योजना समिति सतनाम जलालपुर, अध्यक्ष नगर सुधार ट्रस्ट सतनाम सिंह जलवाहा, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आदर्श पाल कौर, निदेशक परिवार कल्याण डॉ. रविंदर पाल कौर, एसडीएम मेजर डॉ. शिवराज सिंह बाल, सिविल सर्जन डॉ. जसप्रीत कौर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के निगरानी चिकित्सा अधिकारी डॉ. गगन शर्मा व एसएमओ नवांशहर डॉ. सतविंदर कौर वालिया मौजूद रहीं।


इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि राज्य के 12 उच्च जोखिम वाले जिलों में शून्य से पांच वर्ष तक के 14,83,072 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जा रही है। इस तीन दिवसीय अभियान के दौरान कोई भी बच्चा पोलियो रोधी बूंदों से वंचित नहीं रहेगा।स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति लगन से काम कर रही है, जो पंजाब सरकार का एक विशेष लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों को अधिक से अधिक बीमारियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि समय-समय पर आने वाले राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय पल्स पोलियो दिवस सहित नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में कोई कसर न छोड़ी जाए।


उप-राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाने की महत्ता पर जोर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रंगला पंजाब का उद्देश्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब हमारे बच्चे स्वस्थ हों। 'पोलियो टीकाकरण अभियान' का उद्देश्य हमारे बच्चों को पोलियो से बचाना है, क्योंकि हमारे पड़ोसी देश अभी भी पोलियो मुक्त नहीं हैं, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि 13 जनवरी 2011 को सामने आए पोलियो के आखिरी मामले के साथ, भारत 12 वर्षों से अधिक समय से पोलियो मुक्त है, लेकिन भारत, पड़ोसी अफगानिस्तान और पाकिस्तान से पोलियो वायरस के पुन: प्रवेश को रोकने के लिए सतर्क रहता है। पोलियो वायरस अभी भी इन देशों में बीमारी फैला रहा है। यह पोलियो वायरस हमारे देश में भी प्रवेश कर सकता है। इसे देखते हुए यह वायरस उन बच्चों के लिए खतरा पैदा कर सकता है जिन्होंने पोलियो रोधी ड्रॉप्स नहीं ली हैं।


इसलिए हमारे बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए पोलियो की दो बूंद बहुत जरूरी है। अतः प्रदेश के सभी अभिभावकों से अनुरोध है कि अपने सभी शून्य से पांच वर्ष के बच्चों को इन तीन दिनों में पोलियो की ड्राप पिलायें। माता-पिता को अपने बच्चों को दवा देनी चाहिए, भले ही बच्चा जन्म के बाद कुछ घंटों का हो या बच्चे को खांसी, जुकाम, बुखार, दस्त या कोई अन्य बीमारी हो, क्योंकि इस दवा को पीने से बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ता।


उन्होंने टीकाकरण टीम के सदस्यों को कोरोना सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए पोलियो की बूंदे पिलाने को कहा। प्रदेश में पल्स पोलियो अभियान की आवश्यकता बताते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब में पोलियो का आखिरी मामला अक्टूबर 2009 में लुधियाना में सामने आया था लेकिन अभी भी पड़ोसी देशों से पंजाब में पोलियो वायरस आने का खतरा ज्यादा है। यही कारण है कि प्रदेश में समय-समय पर पोलियो अभियान चलाया जाता है।


उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए 7054 बूथों का निर्माण किया गया है. आज पहले दिन बूथों पर पोलियो रोधी ड्राप पिलाई जा रही है और शेष दो दिन घर-घर जाकर पोलियो रोधी ड्राप पिलाई जाएगी। 13136 डोर-टू-डोर टीमें, 334 मोबाइल टीमें और 279 ट्रांजिट टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा कुल 27109 वैक्सीनेटर तैनात किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि 1335 सुपरवाइजर वैक्सीनेटर्स के काम की निगरानी कर रहे हैं, 5109 टीमें उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों का भी दौरा करेंगी, जिनमें 2107 झुग्गियां, 132 निर्माण स्थल, 902 घुमंतू स्थल, 132 ईंट भट्ठे और 729 अन्य स्थल शामिल हैं।


राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. बलविंदर कौर ने कहा कि अभियान की निगरानी सभी 12 जिलों में डीएचएस कार्यालय के राज्य पर्यवेक्षकों और एन पी एस पी-डब्ल्यू एच ओ मॉनिटरों द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत-पाक सीमा पार करने वाले व्यक्तियों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए ट्रांजिट टीमों को पहले ही अटारी सीमा पर तैनात किया जा चुका है। इसी तरह करतारपुर कॉरिडोर खुलने पर जिला गुरदासपुर चौकी के डेरा बाबा नानक में टीकाकरण स्थल स्थापित किए गए हैं।

Story You May Like