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प्रजा को मनाही थी शाही परिवार के किसी सदस्य को छूने की, इसलिए हो गई रानी की डूबने से मौत
बैंकॉक : 1880 में थाईलैंड की रानी इसलिए डूब गई कि उसकी प्रजा देखने के बावजूद उन्हें बचा नहीं पाई क्यूंकि उसे उन्हें छूने की मनाही थी
शाही परिवार की लाइफस्टाइल आम लोगों के मुकाबले काफी अलग होती है। उनके खुद के नियम-काननू होते हैं लेकिन कभी-कभी शाही लोगों के बनाए गए कानून उन्हीं पर भारी पड़ जाते हैं।
ऐसे ही एक किस्से के बारे में आज बता रहे हैं आपको जहां शाही नियम की ही वजह से रानी को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
साल 1880 में एक रानी सुनंदा की मौत सिर्फ इसलिए हो गई थी क्योंकि आम लोगों का शाही लोगों को छूना मना था। चलिए बताते हैं आखिर क्या था पूरा मामला।
हम बात कर रहे हैं थाइलैंड के राजा मोंगुट की बेटी सुनंदा कुमारी रत्ना की। सुनंदा की मां का नाम रानी श्री बजारींद्र था जिन्हें प्रिंसिस कॉनसर्ट पैम भी कहा जाता था।
साल 1880 में सुनंदा की मौत पानी में डूबने से हुई थी। हैरानी की बात यह है कि जब रानी सुनंदा डूब रही थीं तब उनके आसपास काफी लोग मौजूद थे लेकिन किसी ने उन्हें नहीं बचाया।
रानी सुनंदा की मौत उन्हीं के परिवार के बनाए गए नियम की वजह से हुई थी।
क्योंकि शाही लोगों को छूने पर भी पांबदी थी। इसी डर की वजह से कोई उन्हें बचाने के लिए आगे नहीं आया और रानी पानी में डूबकर मर गई।
सुनंदा कुमारी रत्ना का जन्म 1860 में हुआ था और 1880 यानी महज 19 साल की उम्र में उनकी मौत हुई जब वह गर्भवती भी थी। सुनंदा का यह दूसरा बच्चा था जो उन्हीं के साथ मर गया, इससे पहले सुनंदा ने 1878 में एक लड़की को जन्म दिया था।