Congress promises Rs 1 lakh to every poor family, every year-Warring says
स्वास्थ्य मंत्री ने आगामी दिनों में हीट स्ट्रोक से बचने के लिए सचेत रहने की दी सलाह
चंडीगढ़ : मौसम विभाग की तरफ से आगामी दिनों में तापमान में होने वाले वृद्धि सम्बन्धी लगाए अनुमान को ध्यान में रखते हुये पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने आज लोगों को गर्मी की लहरों से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। यह एडवाइजरी पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह की विशेष हिदायतों पर जारी की गई है जिससे लोग गर्मी के मौसम के दौरान अधिक गर्मी के कारण होने वाली बीमारियों से अपने आप को बचा सकें।
ज़िक्रयोग्य है कि यदि किसी मैदानी क्षेत्र का तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक, तटवर्ती क्षेत्रों के लिए 37 डिग्री या इससे अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 30 डिग्री या इससे अधिक तक पहुँच जाता है, तो इस स्थिति को ‘‘लू’’ कहा जाता है। यह उच्च तापमान शरीर के तापमान नियंत्रण प्रणाली को बिगाड़ता है और गर्मी से सम्बन्धित बीमारियों का कारण बनता है।
लोगों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी एडवाइजरी की पालना करने की अपील करते हुये डा. बलबीर सिंह ने कहा कि मई और जून के महीनों के दौरान लू चलने की संभावना ज़्यादा होती है और इस समय के दौरान आम लोगों के साथ-साथ ख़ास कर उन लोगों, जो जोखिम श्रेणी में आते हैं, को चौकस रहने की ज़रूरत है। उन्होंने सलाह देते हुये कहा कि टी. वी., रेडियो, अखबारों आदि के द्वारा स्थानीय मौसम की खबरों की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके इलावा मौसम विभाग की वैबसाईट http:/mausam.imd.gov.in से मौसम की ताज़ा जानकारी प्राप्त की जा सकती है। लोग पूर्व अनुमान के अनुसार अपनी रोज़ाना की गतिविधियों की योजना बनाएं।
डायरैक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आदर्शपाल कौर ने बताया कि राज्य के समूह सिवल सर्जनों को इस सम्बन्धी विस्तृत हिदायतें जारी करने के साथ-साथ हीट स्ट्रोक से प्रभावित मरीजों की देखभाल के लिए अस्पतालों में मुकम्मल प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं।
बॉक्सः हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या करना और क्या नहीं करना अधिक जोखिम पर हैं :
- नवजातऔर छोटे बच्चे
- गर्भवती महिलाएं
- 65साल या अधिक उम्र के बुज़ुर्ग
- मज़दूर
- मोटापे से पीड़ित व्यक्ति
- मानसिक रोगी
- जो शारीरिक तौर पर बीमार हैं, ख़ास कर जिनको दिल की बीमारी या हाई ब्लड प्रेशर है
क्या करना चाहिए :
- घरसे बाहर के काम दिन के ठंडे समय जैसे कि सुबह और शाम में किये जाने चाहिएं।
- प्यास न लगने पर भी हर आधे घंटे बाद पानी पीओ। मिर्गी या दिल की बीमारी, गुर्दे या जिगर की बीमारी वाले लोग जो तरल-प्रतिबंधित ख़ुराक पर हैं, उनको पानी की मात्रा बढ़ाने से पहले डाक्टर के साथ सलाह करनी चाहिए।
- बाहर काम करते समय हलके रंग के पूरी बाज़ू वाले कपड़े डालो। कोशिश करें कि गर्मियों में सिर्फ़ सूती कपड़े ही पहने जाएँ।
- सीधी धूप से अपने सिर को ढकने के लिए छाता, टोपी, तौलिया, पगड़ी या दुपट्टे का प्रयोग करें।
- नंगे पांव बाहर न निकलो, धूप में बाहर जाने के समय पर हमेशा जूते या चप्पलें डाले।
- धूप में काम करने वाले लोगों को शरीर का तापमान सही बरकरार रखने के लिए छाया में आराम करना चाहिए या सिर पर गीला कपड़ा रखना चाहिए।
- धूप में निकलते समय हमेशा पानी साथ रखो।
- मौसमी फल और सब्जियाँ जैसे कि तरबूज़, संतरा, अंगूर, खीरे और टमाटर खाओ क्योंकि इनमें पानी की मात्रा ज़्यादा होती है।
- उन लोगों को पानी की पेशकश करो जो आपके घर या दफ़्तर में समान या भोजन की डिलीवरी के लिए आते हैं।
- नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी जैसे घरेलू पीने वाले पदार्थों का प्रयोग और सेवन बढ़ाओ।
- अपनी चमड़ी की सुरक्षा के लिए सनसक्रीन और आँखों की सुरक्षा के लिए काले चश्मे डालें।
- कम भोजन खाओ और ज़्यादा बार खाओ।
- ठंडे पानी के साथ बार-बार नहाओ।
- छतों पर भूसा डाल कर या सब्जियाँ उगा कर तापमान कम रखा जा सकता है।
- यदि कसरत कर रहे हो, तो धीरे-धीरे शुरू करो और अंत में शरीर के बढ़ते तापमान के अनुकूल होने तक इसको कुछ दिनों में बढ़ाओ।
- प्याज़ का सलाद और कच्चे आम को नमक और जीरे के साथ खाने जैसे रिवायती उपचार हीट स्ट्रोक से बचा सकते हैं।
क्या नहीं करना चाहिए :
- धूपमें ख़ास तौर पर दोपहर 12 से 3 बजे तक बाहर जाने से परहेज़ करो।
- अधिक गर्मी वाले घंटों के दौरान खाना बनाने से गुरेज़ किया जाये, रसोई को अच्छी तरह हवादार रखने के लिए दरवाज़े और खिड़कियाँ खुली रखो।
- अल्कोहल, चाय, कोफी, और कारबोनेटिड और फ़ाल्तू मीठे पीने वाले पदार्थों से परहेज़ करो क्योंकि यह वास्तव में शरीर फलूडज़ को ख़त्म करते हैं।
- तले हुए भोजन से परहेज़ करो, बासी भोजन न खाओ।
- बच्चों या पालतू जानवरों को तालाबन्द वाहन में न छोड़े।
लक्षण जिनके लिए तुरंत डाक्टरी ध्यान की ज़रूरत होती है :
- आरामन करने से मानसिक संतुलन में बदलाव, बेचैनी, बोलने में दिक्कत, चिड़चिड़ापन, अटैकसिया ( बोलने में दिक्कत), हकला कर बोलना, दौरे आदि के साथ
- गर्म, लाल और खुश्क चमड़ी
- जब शरीर का तापमान 40डिग्री या इससे बढ़ जाता है
- गंभीर सिर दर्द
- चिंता, चक्कर आने, बेहोशी और हलका सिर दर्द
- मासपेशियों की कमज़ोरी या खिचाव एक घंटे से अधिक समय तक रहता है
- उल्टियां (मन मचलना)
- दिलकी धड़कने तेज होना
- साँस लेने में तकलीफ़ होना