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Monday, 13 May 2024

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध

चंडीगढ़, 11 मार्च: पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की आम जनता को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए पंजाब स्वास्थ्य विभाग 12 मार्च से 18 मार्च तक ‘विश्व ग्लूकोमा सप्ताह’ मनाएगा। उन्होंने कहा कि ग्लूकोमा से संबंधित अंधेपन को रोकने के लिए निदान और शीघ्र उपचार महत्वपूर्ण हैं।
इस मुहिम के तहत पंजाब स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जि़ला और सब-डिविजऩल अस्पतालों एवं सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ग्लूकोमा से पीडि़त लोगों की पहचान करने के लिए मुफ्त ग्लूकोमा जाँच शिविर लगाए जाएंगे, ताकि उनका समय पर इलाज किया जा सके।


इस बीमारी के बारे में बताते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि ग्लूकोमा दुनिया में अपरिवर्तनीय अंधेपन का प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी आंखों के दबाव (इंट्राओक्यूलर प्रेशर) में वृद्धि के कारण ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाती है, जिससे अपरिवर्तनीय अंधापन होता है। उन्होंने कहा कि ग्लूकोमा अक्सर साइलेंट विशन लॉस का कारण बनता है और दृष्टि के साइलेंट थीफ के रूप में जाना जाता है। ग्लूकोमा को साइलेंट थीफ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें मध्यम से उन्नत अवस्था तक कोई लक्षण नहीं होता है।


मंत्री ने कहा कि कम से कम 90 प्रतिशत मामलों में अंधेपन को रोका जा सकता है, यदि रोगियों का शीघ्र निदान किया जाए और उचित उपचार दिया जाए। यहां यह बताना उचित होगा कि लगभग 12 मिलियन भारतीय इस ग्लूकोमा से पीडि़त हैं, जिनमें से 1.2 मिलियन इस बीमारी के कारण अंधेपन का शिकार हो गए।


डॉ. बलबीर सिंह ने आगे कहा कि ग्लूकोमा से कोई भी पीडि़त हो सकता है, लेकिन 60 वर्ष से अधिक उम्र के कुछ लोगों, परिवार का चिकित्सीय इतिहास, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मायोपिया जैसी चिकित्सा स्थितियों, कॉर्टिकोस्टेरॉइड की तैयारी विशेष रूप से लंबे समय तक आंखों की बूंदों को लेने वालों को इस बिमारी का अधिक जोखिम होता है। उन्होंने कहा कि आंख में चोट लगने से भी ग्लूकोमा हो सकता है।
उन्होंने 40 साल से अधिक उम्र के लोगों से हर दो-तीन साल में आंखों की विस्तृत जाँच कराने, जबकि 65 साल से ऊपर के लोगों को हर छह महीने के बाद आँखों की जाँच कराने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘ज्य़ादातर मामलों में शुरुआती पहचान और सावधानीपूर्वक जीवन भर इलाज दृष्टि बनाए रख सकता है।’’


मंत्री ने आम जनता से भी अपील की कि वे स्वास्थ्य विभाग द्वारा ‘विश्व ग्लूकोमा सप्ताह’ के अवसर पर आयोजित किए जा रहे इन नि:शुल्क नेत्र जाँच शिविरों का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ।
इस बीच, आईईसी गतिविधियों की एक श्रृंखला-जिसमें रेडियो वार्ता, जागरूकता वार्ता/सीएमई, नुक्कड़ नाटक, जागरूकता रैलियां, व्याख्यान, स्कूलों में पेंटिंग प्रतियोगिताएँ, वॉकथॉन और सोशल मीडिया अभियान शामिल हैं-ग्लूकोमा की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस एंड विजुअल इम्पेयरमेंट (NPCB & VI) के तहत आयोजित किया जा रहा है।

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