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Tuesday, 21 May 2024

बेहतर जल प्रबंधन के लिए पंजाब इजराईल के साथ रणनीतिक साझेदारी करेगा -ज़िंपा

चंडीगढ़, 2 जून : पंजाब के जल सप्लाई एवं स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिंपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में बेहतर जल प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए इज़राईल के साथ रणनीतिक सांझेदारी वाली बनाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में सस्ती और टिकाऊ जल सप्लाई और सीवरेज के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए इजराईली तकनीक और स्वदेशी अविष्कार की प्रभावी ढंग से उपयोग करेगी।

आज यहां पंजाब भवन में इज़राईल के दूतावास के वॉटर अटैच डा. लियोर आसफ, इंटरनेशनल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एम.ए.ऐस.एच.ए.वी), इज़राइल दूतावास के सीनियर जलस्रोत विशेषज्ञ नीरज गहिलवत और थापर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डा. अमित धीर के साथ एक गोलमेज बैठक के दौरान ब्रम शंकर जिंपा ने पानी और गंदे पानी की चुनौतियों से निपटने के लिए और भारत की सहायता के लिए इज़राइल द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में गिरते भूजल स्तर को लेकर बहुत चिंतित है और ग्रामीण इलाकों के तालाबों के पानी की गुणवत्ता में सुधार के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले 35-40 वर्षों के दौरान गांवों में भूजल की उपलब्धता में काफी कमी आई है।

जल सप्लाई और स्वच्छता मंत्री ने भूजल स्तर को ऊपर उठाने के लिए वर्षा के जल के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में सभी भवनों में जल रिचारज करने की प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है। इस अवसर पर उन्होंने होशियारपुर में वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा करने का अपना अनुभव भी सांझा किया, जहां गंदे पानी को साफ करके भंडारण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

डा. लियोर आसफ ने नई तकनीकों को अपनाने में पंजाब राज्य के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि इजराइल के जल संसाधनों का लगभग आधा पानी समुद्री के साफ़ किए पानी, रिसाइकिल पानी और रिचार्ज किए गए पानी से आता है, जबकि 1980 तक देश प्राकृतिक जल के उपयोग पर ही निर्भर था। उन्होंने कहा कि इजराइल ने ऐसी तकनीक विकसित की हैं जो 90 फीसदी गंदे पानी को फिर से इस्तेमाल में ला सकता है। उन्होंने कहा कि इज़राइल में हर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कृषि भूमि के पास विकसित किया गया है ताकि इस पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सके।

इजराइल द्वारा विभिन्न तकनीकों को मिलाकर विकसित किए गए समाधानों का केस स्टडी पेश करते हुए डा. लियोर ने कहा कि इजराइल द्वारा विकसित तकनीक भारतीय जरूरतों के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि पानी की गुणवत्ता, सैनिटेशन और वहाँ भूमिगत पानी के रीचार्ज इस संबंधित चुनौतियों को सफलतापूर्वक हल करने में भाईचारक, हिस्सेदारों की समर्था निर्माण और निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इस अवसर पर बोलते हुए जल सप्लाई और स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव डीके तिवारी ने गंदे पानी के पुन: उपयोग के लिए कम लागत वाले तकनीकी समाधान के लिए इज़राइल से विचार मांगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नहरी पानी का इस्तेमाल बढ़ाकर जलवायु अनुकूल ग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं विकसित कर रही है।  इसका लक्ष्य 4,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर विभिन्न तकनीकों के संयोजन के आधार पर बुनियादी ढांचे का उपयोग करके 24x7 पानी की सप्लाई , स्वच्छता सुविधाओं के साथ 500 स्मार्ट गांव विकसित करना है।  उन्होंने कहा कि विभाग 1,300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ब्लॉक-स्तरीय प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन यूनिट और मटीरियल रिकवरी सुविधाओं, माडल बायो-गैस प्लांट , फेकल संसद ट्रीटमेंट प्लांट आदि की स्थापना करके गंदे पानी और ठोस वेस्ट का प्रबंधन भी कर रहा है।

इस अवसर पर, विभाग के विशेष सचिव मुहम्मद इशफाक ने ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन और प्रबंधन और संपत्ति प्रबंधन में इज़राइल द्वारा उपयोग की जाने वाली रणनीतियों पर चर्चा की। उन्होंने भारत-इजरायल सहयोग कार्यक्रम के तहत पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए इजरायल के दूतावास से सहायता मांगी। इस दौरान डा. अमित धीर ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सामुदायिक स्तर पर उपचारित गंदे पानी का कृषि में पुन: उपयोग से संबंधित माडल की जानकारी दी।

बातचीत के दौरान, पानी और गंदे पानी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार और भारत में इज़राइल के दूतावास के बीच एक समझौता पत्र हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। डा. लियोर ने भारत-इजराईल सहयोग और जल क्षेत्र में इसके विभिन्न लाभों का उल्लेख किया और पंजाब सरकार के साथ संभावित समझौतों का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर  केपीएमजी से इस पहल का समर्थन करने का अनुरोध किया गया। विभाग के अधिकारियों की क्षमता निर्माण करने के लिए इज़राइल के दूतावास द्वारा समर्थित अनुसंधान और विकास केंद्रों का दौरा भी प्रस्तावित किया गया था।

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